Shiv Pujan
संक्षिप्त शिव पूजन
सर्व प्रथम सदगुरु का ध्यान करे
गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर :
गुरु: साक्षात परब्रम्ह तस्मै श्री गुरवे नमः
ॐ गुं गुरुभ्यो नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः
अब 4 बार आचमन करे।
ॐ आत्म तत्व शोधयामि स्वाहा
ॐ विद्या तत्व शोधयामि स्वाहा
ॐ शिव तत्व शोधयामि स्वाहा
ॐ सर्व तत्व शोधयामि स्वाहा
फिर गुरु , परम गुरु और परमेष्ठी गुरु का पूजन करे
पूजन स्थल पर पुष्प अक्षत अर्पण करे।
ॐ गुरुभ्यो नमः
ॐ परम गुरुभ्यो नमः
ॐ परमेष्ठी गुरुभ्यो नमः
अब आसन पर पुष्प अक्षत अर्पण करे
ॐ पृथ्वी देव्यै नमः
चारो तरफ दिशा बंधन हेतु अक्षत फेके
और अपनी शिखा पर दाहिना हाथ रखे
फिर दीपक को प्रणाम करे
दीप देवताभ्यो नमः
कलश में जल डाले और उसमे चन्दन या सुगन्धित द्रव्य डाले
कलश देवताभ्यो नमः
अब अपने आप को तिलक करे
और दाहिने हाथ में जल लेकर अपने नाम और गोत्र का
उच्चारण कर संकल्प करे की आज प्रदोष के दिन
मैं भगवान शिव का उनके परिवार के साथ कृपा प्राप्त करने हेतु यथाशक्ति
साधना संपन्न कर रहा हूँ और गुरु कृपा से साधना सफल हो जाए।
गुरु के स्मरण पूजन से साधना सम्बंधित दोष दूर हो जाते है
फिर सदगुरु का पंचोपचार पूजन करे
(गंध अक्षत पुष्प धुप दीप नैवेद्य )
ॐ गुं गुरुभ्यो नमः पंचोपचार पूजनम समर्पयामि
फिर गणेश जी का स्मरण करे
वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्व कार्येषु सर्वदा
ॐ श्री गणेशाय नमः पंचपचार पूजनम समर्पयामि
अब हाथ में बेल पत्र लेकर शिव जी का ध्यान करे
ॐ ध्यायेत् नित्यं महेशं रजत गिरी निभम् चारु चंद्रावतंसम्
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगम परशुमृगवरा भीति हस्तं प्रसन्नम
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतम मरगणै व्याघ्रकृत्तिम् वसानं
विश्वाद्यं विश्वबीजम निखिलभयहरम पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः आवाहयामि
सपरिवार स्थापयामी नमः
श्री साम्ब सदाशिवाय नमः पंचोपचार पूजनम समर्पयामि
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः गन्धाक्षत समर्पयामि
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः पुष्पम समर्पयामि
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः धूपं समर्पयामि
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः दीपम समर्पयामि
ॐ श्री साम्ब सदाशिवाय नमः नैवेद्यम समर्पयामि
पुनः सर्वोपचारार्थे गन्धाक्षत पुष्पम समर्पयामि
अब अंग पूजन के लिए अक्षत अर्पण करते जाए
ॐ ईशानाय नमः पादौ पूजयामि
ॐ शंकराय नमः जंघे पूजयामि
ॐ शूलपाणये नमः गुल्फौ पूजयामि
ॐ शम्भवे नमः कटी पूजयामि
ॐ स्वयम्भुवे नमः गुह्यं पूजयामि
ॐ महादेवाय नमः नाभिम पूजयामि
ॐ विश्वकर्त्रे नमः उदरम् पूजयामि
ॐ सर्वतोमुखाय नमः पार्श्वयोः पूजयामि
ॐ स्थाणवे नमः स्तनौ पूजयामि
ॐ नीलकण्ठाय नमः कण्ठे पूजयामि
ॐ शिवात्मने नमः मुखम पूजयामि
ॐ त्रिनेत्राय नमः नेत्रे पूजयामि
ॐ नागभूषणाय नमः शिरः पूजयामि
ॐ देवाधिदेवाय नमः सर्वांगे पूजयामि
अब एकादश आवरण देवता का पूजन करे। पुष्प अक्षत और जल अर्पण करते जाए
1. ॐ अघोराय नमः अघोर श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
2. ॐ पशुपतये नमः पशुपति श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
3. ॐ शिवाय नमः शिव श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
4. ॐ विरुपाय नमः विरूप श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
5. ॐ विश्वरूपाय नमः विश्वरूप श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
6. ॐ त्र्यम्बकाय नमः त्र्यम्बक श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
7. ॐ भैरवाय नमः भैरव श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
8. ॐ कपर्दिने नमः कपर्दिनी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
9. ॐ शूलपाणये नमः शूलपाणि श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
10. ॐ ईशानाय नमः ईशान श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
11 . ॐ महेशाय नम महेश श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
अब एकादश शक्तियों का पूजन करे
1. ॐ उमायै नमः उमा श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
2. ॐ शंकरप्रियायै नमः शंकरप्रिया श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
3. ॐ पार्वत्यै नमः पार्वती श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
4. ॐ गौर्यै नमः गौरी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
5. ॐ काल्यै नमः काली श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
6. ॐ कालिन्द्यै नमः कालिंदी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
7. ॐ कोटर्यै नमः कोटरी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
8. ॐ विश्वधारिण्यै नमः विश्वधारिणी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
9. ॐ ह्रां नमः ह्रां शक्ति श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
10. ॐ ह्रीम नमः ह्रीं शक्ति श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नम
11. ॐ गंगा देव्यै नमः गंगा देवी श्री पादुकाम पूजयामि तर्पयामि नमः
अब शिव गणो का पूजन करे
ॐ गणपतये नमः
ॐ कार्तिकेयाय नमः
ॐ पुष्पदन्ताय नमः
ॐ कपर्दिने नमः
ॐ भैरवाय नमः
ॐ शूलपाणये नमः
ॐ ईश्वराय नमः
ॐ दंडपाणये नमः
ॐ नन्दिने नमः
ॐ महाकालाय नमः
अब एकादश रूद्र का पूजन करे
ॐ अघोराय नमः
ॐ पशुपतये नमः
ॐ शर्वाय नमः
ॐ विरूपाक्षाय नमः
ॐ विश्वरूपिणे नमः
ॐ त्र्यम्बकाय नमः
ॐ कपर्दिने नमः
ॐ भैरवाय नमः
ॐ शूलपाणये नमः
ॐ ईशानाय नमः
ॐ महेश्वराय नमः
अब शिव के आठ रूपों का पूजन करे
ॐ भवाय क्षितिमूर्तये नमः
ॐ शर्वाय जलमूर्तये नमः
ॐ रुद्राय अग्निमूर्तये नमः
ॐ उग्राय वायुमूर्तये नमः
ॐ भीमाय आकाशमूर्तये नमः
ॐ पशुपतये यजमान मूर्तये नमः
ॐ महादेवाय सोममूर्तये नमः
ॐ ईशानाय सूर्यमूर्तये नमः
अब बिल्व पत्र लेकर अर्पित करे
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रम च त्रिधायुधम्
त्रिजन्मपाप संहारम एक बिल्वं शिवार्पणम
अब आप चाहे तो 108 बिल्व पत्र बिल्वार्चन प्रयोग के
108 श्लोक से अर्पण करे या फिर सिर्फ ॐ नमः शिवाय मन्त्र से अर्पण करे
पूजन को संक्षिप्त रखने के प्रयास में कुछ चीजे नहीं ली है आप
चाहे तो पूजन में इसे पुजन में ले सकते है
जैसे द्वादश ज्योतिर्लिंग पूजन ,विभिन्न वस्तु से बने शिवलिंग का पूजन ,
शिव द्वारपाल पूजन ,विभिन्न शिव गण पूजन , शिव परिवार के
गणेश ,पार्वती ,कार्तिकेय , वीरभद्र ,कुबेर,कीर्तिमुख ,सर्प ,नंदी आदि
देवताओ आवाहन के साथ पूजन और भी कई जो आपको उचित लगे
फिर क्षमा प्रार्थना करे
और फिर अंत में निम्न मन्त्र का यथाशक्ति जाप करे
ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं
या सिर्फ ॐ नमः शिवाय
फिर आरती करे और पूजन समाप्त करे
शिव शासनतः शिव शासनतः
ॐ शम"