साधना जब सिद्ध हों जाती है

साधना जब सिद्ध हों जाती है

तब पंचांग पर ज्यादा दिमाग़ नहीं लगाना चाहिए मित्रों


श्राद्ध में कम्प्यूटर लिया उस समय जब व्यापार करता था


नवरात्र से पहले पहले ही उसने अपनी क़ीमत से ज्यादा कमाई दे दी


कार खरीदी मल मास में

नींव लगाई चातुर्मास में


बस ईश्वर को याद किया जो तारीख उसने बोली काम शुरू कर दिया


यही सिस्टम पूछने वालों के साथ भी रहा है मेरा....


शादी गृह प्रवेश आदि के महूर्त निकालता नहीं वो ज्योतिषचार्य जो भी आपके क्षेत्र के हों

उनके विचार के लिए छोड़ता हूं


बाकी सब मेरा ईश्वर जो कह दे बस वही फाइनल करता आया हूं


ऐसा होना भी चाहिए


मनुष्य के ज्योतिषीय विवेचना की अपनी सीमाएं है


पर उस ऊपर वाले की कोई सीमा नहीं वो गहनतम स्तर पर विवेचना करता है तब रिज़ल्ट बताता है


उसे ही सच मानना चाहिए

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